Computer का अविष्कार किसने किया और कब हुआ? | Computer Ka Avishkar Kab Hua
कंप्यूटर का अविष्कार (Computer Ka Avishkar Kab Hua) कई वैज्ञानिकों और इंजीनियरों ने साथ मिलकर किया है, और इसका विकास विभिन्न युगों में हुआ है। हालांकि, आधुनिक डिजिटल कंप्यूटर का प्रारंभिक अविष्कार विशेष रूप से विलियम बिल (Charles Babbage) नामक इंग्लिश गणितज्ञ द्वारा किया गया था।
- चार्ल्स बैबेज (Charles Babbage): इंग्लैंड के गणितज्ञ चार्ल्स बैबेज ने 19वीं सदी के मध्य में एक “विचारना मूल्यांकन इंजन” (Analytical Engine) का अविष्कार किया था, जो मैकेनिकल रूप से कार्य करने वाला एक प्रकार का कंप्यूटर था। हालांकि, उन्होंने इसे बनाने की पूरी प्रक्रिया पूरी नहीं की थी, इसलिए इसे कंप्यूटर के रूप में संबोधित नहीं किया जा सकता है। इनकी योजना और कार्य ने बाद में कंप्यूटर के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
- आधुनिक डिजिटल कंप्यूटर: आधुनिक डिजिटल कंप्यूटर के विकास में कई वैज्ञानिक और इंजीनियरों का योगदान रहा है, जिसमें निम्नलिखित मुख्य वैज्ञानिक शामिल हैं:
- आलेन ट्यूरिंग (Alan Turing): ब्रिटिश गणितज्ञ आलेन ट्यूरिंग ने 20वीं सदी के दशकों में विभिन्न गणितीय समस्याओं को हल करने के लिए “ट्यूरिंग मशीन” (Turing Machine) की विकास शुरू की। यह उनका योगदान डिजिटल कंप्यूटर के विकास में महत्वपूर्ण रहा, और उन्होंने भविष्य में एक विज्ञानिक और लोगिक के दृष्टिकोण से कंप्यूटरों के विकास में प्रभावी ढंग से योगदान दिया।
- जॉन वन न्यूमन (John von Neumann): जॉन वन न्यूमन ने विभिन्न कंप्यूटर की विकास विधियों का अध्ययन किया और इन्हें प्रोग्रामों को स्टोर और एक्सीक्यूट करने की एक नई विधि, जिसे आज भी “वन न्यूमन आर्किटेक्चर” के नाम से जाना जाता है, की विकसित की।
Computer Ka Avishkar Kab Hua:- आम तौर पर, आधुनिक डिजिटल कंप्यूटर को 1940 या 1950 के दशक में माना जाता है, जब ENIAC (Electronic Numerical Integrator and Computer) जैसे पहले प्रचारित कंप्यूटर विकसित किए गए। ENIAC एक विशाल इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर था जो 1945 में अमेरिकी अर्थव्यवस्था कमेटी (United States Army Ordnance Corps) द्वारा बनाया गया था। इसके बाद, कंप्यूटर के क्षेत्र में तेजी से उन्नति हुई, और विभिन्न प्रकार के कंप्यूटर विकसित किए गए जिनमें UNIVAC (Universal Automatic Computer) और EDSAC (Electronic Delay Storage Automatic Calculator) शामिल थे।
कृपया ध्यान दें कि तारीखें विभिन्न संस्थानों और इतिहासकारों के अनुसार भिन्न-भिन्न हो सकती हैं। इसलिए, विभिन्न संस्थानों और विद्वानों के अनुसार विभिन्न व्याख्यान या लेख पढ़कर आप इस विषय को और भी गहराई से समझ सकते हैं।
कम्प्यूटर के आविष्कार की कहानी | Computer Ke Avishkar Ki Kahani
कंप्यूटर के आविष्कार की कहानी (Computer Ke Avishkar Ki Kahani) रोचक और उत्साहवर्धक है। यह एक लंबी और रिसर्च भरी प्रक्रिया थी, जिसमें कई वैज्ञानिक, गणितज्ञ, और इंजीनियर शामिल थे। इसे निम्नलिखित चरणों में विभाजित किया जा सकता है:
- प्राथमिक गणना उपकरण (Abacus): गणितीय गणना के लिए एक प्राथमिक उपकरण के रूप में, अबेकस (Abacus) चीन में लगभग 2000 ईसा पूर्व से पहले से उपयोग में था। इसमें धातु के दंडों पर चिकनी दस्तियों के साथ गिनतारी एकाधिकार बनाने के लिए बैड थे। यह बुनियादी गणितीय ऑपरेशनों को किया जाता था, और इसे आज भी कुछ जगहों पर प्रयोग किया जाता है।
- मैकेनिकल कंप्यूटरों की खोज (Mechanical Computers): 17वीं और 18वीं सदी में, कई वैज्ञानिक ने मैकेनिकल कंप्यूटरों के प्रोटोटाइप विकसित किए। चार्ल्स बैबेज (Charles Babbage) ने अपने “विचारना मूल्यांकन इंजन” (Analytical Engine) के लिए योजना बनाई, जो मैकेनिकल इंजन के साथ गणना करने वाला एक गणक था, लेकिन इसे पूरी तरह से नहीं बनाया गया।
- इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटरों का आविष्कार: 20वीं सदी के आरंभ में, वैज्ञानिक और इंजीनियर इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज (Electronic Devices) के विकसित होते रहे जो कंप्यूटिंग को संभव बना रहे थे। इस समय में वैक्यूम ट्यूब (Vacuum Tube) और ट्रांजिस्टर (Transistor) के विकास ने इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटरों के लिए ब्रह्मास्त्र बना दिया।
- ENIAC और UNIVAC: इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज के उपयोग से 1940 में अमेरिकी अर्थव्यवस्था कमेटी द्वारा ENIAC (Electronic Numerical Integrator and Computer) को विकसित किया गया था। यह पहला पूर्णत: इलेक्ट्रॉनिक डिजिटल कंप्यूटर था और गणितीय कार्यों को ग्रहण करने के लिए प्रयोग किया जाता था। इसके बाद, 1951 में UNIVAC (Universal Automatic Computer) विकसित किया गया, जो पहला कमर्शियल कंप्यूटर बना।
- वॉन न्यूमन आर्किटेक्चर: जॉन वन न्यूमन ने वॉन न्यूमन आर्किटेक्चर के रूप में एक प्रभावशाली कंप्यूटर विकसित किया, जिसमें प्रोग्रामों को स्टोर और एक्सीक्यूट करने की एक नई विधि थी। यह आज भी सभी सामान्य-उपयोगी कंप्यूटरों के मूल अंतर्गत आता है।
इस प्रक्रिया में वैज्ञानिकों और इंजीनियरों ने अनेक चुनौतियों का सामना किया, लेकिन उनके अद्भुत उत्साह, निरंतर प्रयास और समर्पण से कंप्यूटर विकास का सफलता पूर्वक रास्ता प्रशस्त हुआ। आज, कंप्यूटर और इंटरनेट ने हमारे जीवन को पूरी तरह से परिवर्तित कर दिया है और सूचना तकनीकी के क्षेत्र में एक नया युग शुरू हुआ है।
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Laptop का आविष्कार किसने किया? | Laptop Ka Avishkar Kisne Kiya?
Osborne 1 एक पोर्टेबल कंप्यूटर था जिसमें एक बिल्कुल विशाल 5 इंच के स्क्रीन, एक फ्लॉपी डिस्क ड्राइव, और एक दस्तावेजीकरण और स्प्रेडशीट के लिए सॉफ़्टवेयर शामिल था। यह कंप्यूटर बैग में आसानी से पोर्ट किया जा सकता था, जिससे यात्रा के दौरान भी इसका उपयोग किया जा सकता था।
Osborne 1 को विकसित करने से पहले भी पोर्टेबल कंप्यूटर के प्रोटोटाइप विकसित किए गए थे, लेकिन Osborne 1 ने बाजार में व्यापक रूप से सफलता प्राप्त की। यह लैपटॉप और पोर्टेबल कंप्यूटरों के विकास के लिए अहम मील का पत्थर साबित हुआ और इसके बाद अन्य कंपनियों ने भी पोर्टेबल कंप्यूटर विकसित करने में रुचि दिखाई और लैपटॉप इंडस्ट्री का विकास हुआ।
भारत का पहला Computer कौनसा था? | Bharat Me Pehla Computer Konsa Tha
TIFRAC को भारतीय वैज्ञानिक और गणितज्ञ, विक्रम सराभाई और होमी भाभा ने विकसित किया था। इसका उपयोग अतिरिक्त गणना, वैज्ञानिक अनुसंधान, और विशेषत: नास्तिकीय गणना के लिए किया जाता था।
ताटा इलेक्ट्रॉनिक वान एक बड़ा कंप्यूटर था जिसमें करीब 2,000 वैक्यूम ट्यूब्स और तीन के बराबर कई डायोड और ट्रांजिस्टर शामिल थे। इसमें 10,000 से ज्यादा करीब 1,200 बिट्स की यादृच्छिक प्रयोगशील स्त्रोत (RAM) थी। ताटा इलेक्ट्रॉनिक वान एक कदम आगे और बढ़ता हुआ एक प्रभावशाली इंडियन कंप्यूटर इंडस्ट्री का आधार रहा।
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